MUJ PE BHI CHASME KARAM MERE AQA KARNA

मुझ पे भी चश्मे करम ए मेरे आका करना
हक तो मेरा भी है रेहमत का तकाजा करना

मैं के जर्रा हूं मुझे वुसअते सहरा दे दे
के तेरे बस में है कतरे को भी दरिया करना

मैं हूं बेकस है तेरा काम सहारा देना
मैं हूं बीमार तेरा काम है अच्छा करना

चांद की तरह तेरे गिर्द हो तारों का हुजूम
हो तेरा हल्काए अल्हाब में बैठा करना

यह तेरा काम है ए आमीना के दुर्रेयतीम
सारी उम्मत की शफाअत तने तन्हा करना

तू किसी को भी उठाता नहीं अपने दर से
के तेरी शान के शाना नहीं ऐसा करना

मुझपे मेहशर में नसीर उनकी नजर पड़ ही गई
कहने वाले इसे कहते हैं खुदा का करना

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